ऐ प्यारे तिरंगे मेरे, तेरा आसमां से भी ऊँचा कद बढ़ाने को ! सरहद पर तैयार खड़े है भाई मेरे , तेरे सजदे में अपना शीश चढ़ाने को ! न ज़रुरत मुझे कुमकुम की, न देना कोई विभूति ललाट पर लगाने को ! जो मिल जाए दो बूँद शहीदों के लहू की, तो पर्याप्त है वह मेरा मस्तक सजाने को ! पंकज जैन #India#country#nojoto#respect#soldiers#army