"कुछ नहीं" खाली हो गए कमरे सारे रखा रहा सामान सभी एक तेरे न होने भर से कुछ भी दिखता नहीं कहीं। रंग कभी लाखों होते थे जिन काली पोशाकों में काली कर गयीं मेरी दुनिया अब रंगों की जगह नहीं। वो मुस्कानें, शोख़ अदायें हवा हुईं, तेरे साथ गईं मुस्कानों से होंठ छिन गये और अदायें मरी रहीं। थिरक तेरे कदमों वाली और सात सुरों की धुनें सभी लंगड़ी हो गयीं, गूंगी हो गयीं जो एक तेरी परछाई नहीं। सब कहते हैं, सच कहते हैं सदा है रहता "कुछ नहीं" जा मेरे बिन सबकी हो जा तू मेरी है "कुछ नहीं"। #NaveenMahajan कुछ नहीं