घर के काजों से ऑफिस की रिवॉल्विंग कुर्सी तक के सफर के बीच व्यस्तता की तहों में जब मिल नहीं पाता हूँ मैं खुद से तो जा धमकता हूँ किसी पंसारी की दुकान पर निकाल लेता हूँ मुठ्ठी-भर इमली के लड्डू और कुछ खट्टी-मीठी टॉफियां पीछे रखे मर्तबानों से.. लेता हूँ चटकारे बचपन को जबां पर रखकर चख लेता हूँ जायका ज़िन्दगी का इन नन्हीं खुशी की चाबियों से खोलकर यादों का सन्दूक फिर से पा लिया करता हूँ मैं खुद को! ©KaushalAlmora #व्यस्तता #रोजकाडोजwithkaushalalmora #बचपन #yqdidi #newwritersclub #kaushalalmora #टॉफी #life