जरा सी हवा क्या बही तुम घबरा जाते हो, और थोड़ी से धूप क्या मिली लहरा जाते हो, अपने जज़्बात का तमाशे पे खुद ही हाथ सेको, देखना है टूट के जुड़ते कैसे है तो मुझको देखो। में उस बाज़ार में नंगे सर बिका हूं जहां रिश्ते बिकते थे, किसी का भाई दोस्त या प्रियतम भी सजे थे, मतलब के लिए तुम भी कुछ मोल फेकों, बिक के लावारिस कैसे हो मुझको देखो। मैं रिश्तों को वो प्यादा हूं जो बस रिश्तों पे चलता है, मैं रिश्तों का भूखा हूं तो रिश्तों में पलता हूं, मुझसे भी मजबूर यहां लोग है तो, फिर भी भीड़ में तन्हा देखना है तो मुझको देखो। कागज़ की कश्ती थी तूफ़ानों में उतार दिया, सुलगती लहरों पे भस्म होने को संवार दिया, जहां दौड़ नहीं सकते वहां पर तो रेंगों, थमे क़दमों का ठिकाना देखना है तो मुझको देखो। #मुझकोदेखो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbhaskar