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जाना है वहाँ, मँज़िल होगी मेरी जहाँ। रास्ता कितनी

जाना है वहाँ,
मँज़िल होगी मेरी जहाँ।
रास्ता कितनी भी लम्बा हो,
न करनी होगी परवाह।
बस हाथ तु(रब) मेरा पकड़े रखना,
कहीं भटक मैं जाऊँ न।
अब उस मँज़िल और मेरे बीच का,
तय करना है फासला।

जाना है वहाँ, मँज़िल होगी मेरी जहाँ। रास्ता कितनी भी लम्बा हो, न करनी होगी परवाह। बस हाथ तु(रब) मेरा पकड़े रखना, कहीं भटक मैं जाऊँ न। अब उस मँज़िल और मेरे बीच का, तय करना है फासला। #nojotovideo #nojotoludhiana

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