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चुनाव के मौसम आ गए । गांवो में नेता जी छा गए। अपनी

चुनाव के मौसम आ गए ।
गांवो में नेता जी छा गए।
अपनी बेफिजूल भाषणों से जनता का मन का पिघलाएगे
इतने में भी न बनी बात तो ,दारू ,मुर्गा बटवाएगे।शिक्षा,स्वास्थ्य ,रोजगार, महंगाई, के मुद्दे को भूल जाएंगे।
वोट के लिए नोट पानी की तरह बहाएंगे। 
जीतने के बाद नेता जी नजर कही नही आएंगे।
जनता उनको को क्यो वोट दे नेता जी बताएंगे।
नेता जी बोले हर सुविधा को घर-घर तक पहुंचाएंगे ।
अब तक जो हुआ ना विकाश गांव में ,वो हम कर के दिखाएंगे।
बोले सर्वेश कविराय एक बार जो झाशे में आये तो पांच साल पछताओगे।
जनता अबकि ठान लो की योग्य व्यक्ति को ही जिताओगे

कवि - सर्वेश सिंह पटेल

©Sarvesh Singh Patel लपेटे में नेताजी।

#election
चुनाव के मौसम आ गए ।
गांवो में नेता जी छा गए।
अपनी बेफिजूल भाषणों से जनता का मन का पिघलाएगे
इतने में भी न बनी बात तो ,दारू ,मुर्गा बटवाएगे।शिक्षा,स्वास्थ्य ,रोजगार, महंगाई, के मुद्दे को भूल जाएंगे।
वोट के लिए नोट पानी की तरह बहाएंगे। 
जीतने के बाद नेता जी नजर कही नही आएंगे।
जनता उनको को क्यो वोट दे नेता जी बताएंगे।
नेता जी बोले हर सुविधा को घर-घर तक पहुंचाएंगे ।
अब तक जो हुआ ना विकाश गांव में ,वो हम कर के दिखाएंगे।
बोले सर्वेश कविराय एक बार जो झाशे में आये तो पांच साल पछताओगे।
जनता अबकि ठान लो की योग्य व्यक्ति को ही जिताओगे

कवि - सर्वेश सिंह पटेल

©Sarvesh Singh Patel लपेटे में नेताजी।

#election

लपेटे में नेताजी। #election #कविता