ये आग मैने खुद लगाई है लकड़ियां भी चुनी फूंक भी मारी अश्क भी गिरें धुआं भी उठा तब जाके लौ आयी है ये आग मैनें खुद लगाई है तुम्हारा क्या; तुम तो आ गये सेकने ठण्ड में चादर ओढ़़के दो घड़ी बैठोगे,चले जाओगे मगर मै ये आग बुझने नहीं दूंगा #निश्चय #nozoto