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#SupremeGodKabirपूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगो

 #SupremeGodKabirपूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।Lord Kabir                                      Rigveda mandala 9 Sukta 96 Mantra 18, there is proof that the full divine Kavir Dev resides in the third Mukti Dham i.e. Satlok. Where a man is not born again after death.
 #SupremeGodKabirपूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।Lord Kabir                                      Rigveda mandala 9 Sukta 96 Mantra 18, there is proof that the full divine Kavir Dev resides in the third Mukti Dham i.e. Satlok. Where a man is not born again after death.