#story#bachpan#barsat#literature_Tahalka
बरसात का मौसम शुरू हो चुका था और कई दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही थी। मैं पिछले दो सप्ताह से अक्सर घर वापस लौटते वक्त भींग जाता, छाता तो हमेशा साथ में रखता था लेकिन साइकिल चलाते हुए छाता उपयोग करने पर पैंट तो भींग ही जाता। आज भी आसमान में काले-काले बादल मंडरा रहे थे, कुछ देर पहले ही जोरदार बारिश भी हुई थी और अभी बूंदा-बूंदी चल रही थी। बादलों को देख आगे भी अच्छी बारिश का अनुमान लगाया जा सकता था। मौसम कुछ खुशनुमा सा था, ना गर्मी ना ही ठंड। मै