My Bicycle साईकिल और मैं फिर मेरा सफर उम्र के उस दौर में जब जिंदगी थम गई थी करोना से घड़ी घरों में बंद थी उस वक्त 10 साल से घर में पड़ी दीदी की पुरानी साइकिल जो मुझसे अकसर कहती थी कि साईकिल तुम्हारे बस की नहीं है ऊपर से मम्मी की उसकी तरफ तू देख भी नही 15 साल से नही सिख पाई अब क्या सिखेगी ? इस ताने ने मुझे साइकिल पर दौड़ाया और मेरा सफर आज तक जीवन के 22वे साल में मैने पहली दफा हेडल और पेडल को एक साथ संभाला और अपने आत्मविश्वास से मम्मी को गलत साबित कर दिया और मम्मी इतनी खुश थी जितनी मेरे 12th में टाॅप करने पर नही हुई थी क्योकि उनको लगता था study करना मेरी strength है और game या साइकिल मेरी weakness और जब मैने अपनी weekness को दूर किया तो उनका लगा कि नही ,मैं study के आलावा भी कुछ कर सकती हूँ और सच कहूँ तो मैं भी अपने आप में फूलकर नही समा रही थी उस वक्त like a wonderful thing जबकि यह normal है #WorldBicycleDay2021