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ऐसे जुदा हो गई वो, दर्द पनाहों में ठहर ही गए। हंसी

ऐसे जुदा हो गई वो, दर्द पनाहों में ठहर ही गए।
हंसीं लम्हे थे कुर्बत में, वो भी गुज़र ही गए।
वक्त ने ऐसा रुख मोड़ा के कुछ पता ही न चला,
रफ्ता रफ्ता करके बिखरे पर आखिर बिखर ही गए।

©Aarzoo smriti
  #आखिर बिखर ही गए

#आखिर बिखर ही गए

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