आग मुझमें भी है इसलिये, दहकना मेरा धर्म है,मैं अपना धर्म निभाऊं, जो मिले हवा का साथ तो, और भड़क जाऊँ, जो मिले पानी का साथ तो, राख बन जाऊँ। आग मुझमें भी है,मैं अपना धर्म निभाऊँ। जो दीपक की ज्योति बनूँ तो, घर में उजाला कर जाऊँ, जो फैल गई शोलों जैसे तो, घर में अँगारे बरसाऊं, आग मुझमें भी है, मैं अपना धर्म निभाऊँ, दूर से अगर देख रहे हो, तो रोशनी से पथ दिखाऊँ, जो स्पर्श करो तो, हाथ जलाऊँ, आग मुझमें भी है, मैं अपना धर्म निभाऊँ। प्यार से बैठो पास मेरे तो, शीत लहर में तुम्हें जीवन की, 'नेह' भरी तपिश दे जाऊँ। आग मुझमें भी है, मैं अपना धर्म निभाऊँ। सुप्रभात। सूरज ये न समझे कि आग उसमें ही है। आग मुझमें भी है। #आगमुझमेंभीहै #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi