तेरे और मेरे बीच में जबसे चल गया चक्कर। दिल धड़कने लगा मन करने लगा मक्कर। गम परछाइयों सा रहने लगा है साथ में मेरे! यादें खींचने लगी हमारी चाहतों से बक्खर। ख़ामोशियों का ताज काहे पहने रहती हो! एहसासों के राज लिए होने लगी है टक्कर। बातों ही बातों में तुम बन गई दिल की रानी! जो कहा वही हुआ तुम्हारे मुह में घी शक्कर। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_490 👉 तुम्हारे मुँह में घी शक्कर लोकोक्ति का अर्थ - तुम्हारी बात सच हो। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ लिखने के बाद यहाँ Done काॅमेंट करें।