मुसीबतों में डालकर, मुझे सवारने का सलिखा जानती है। ये जिंदगी भी बड़ी अजीब है, यूँ जख्म देकर,मरहम लगाना भी जानती है, कांटों से गुजारकर, मुझे फूलों की मेहेक से लपेटना जानती है। ये जिंदगी भी बड़ी अजीब है। यूँ रुलाकर,मुझे हँसाने का सलिखा भी जानती है। मगर ए "मुजाहिद" तू ये नही जानता, तुझे यूँ खुदही से रूठ देख, जिंदगी तुझे मनाने का सलिखा भी जानती है। जिंदगी तुझे मनाने का सलिखा भी जानती है। #मरहम #marham #जखम #jakham #जिंदगी #लाइफ #life #कांटे #फूल #nojoto #hindinojoto #कविशाला #kavishala