{ऐसालगता है मुझे} ऐसा लगता है इन सुगबुगाहाटों के पीछे दबी हूई ,कोई सच्ची आवाज़ हो जैसे।। ऐसा लगता है इन परेशानियों के पीछे छिपी हुई ,कोई उम्मीद हो जैसे।। ऐसा लगता है इन सवालो के पीछे छिपा हुआ,कोई जवाब हो जैसे।। ऐसा लगता है इन धुँधली प्रकाश मे छिपी हुई , कोई साफ़ किरण हो जैसे।। ऐसा लगता है इन निराशाओं के पीछे छिपी हुई हो, कोई आशा हो जैसे।। ऐसा लगता है इन अंधकारमय रात के पीछे छिपी हुई हो, कोई प्रकाशमय सुबह हो जैसे।। ऐसा लगता है इन तेज भागते हुए शहर के पीछे छिपा हुआ हो, कोई शान्त गांव हो जैसे।। ऐसा लगता है इन मूसलाधर बारिश के पीछे छिपि हुई ,एक शान्त ओस की बूंद हो जैसे।। ऐसा लगता है मुझे।। # ऐसा लगता है मुझे ।।