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"आज़ादी का दिवाना एक 23 साल का लड़का था माँ भारती

"आज़ादी का दिवाना एक 23 साल का लड़का था
 माँ भारती के राज- दुलारा था 
गुलामीं की जंजिरों  से देश आज़ाद की बिड़ा उसने उठाइ थी 
      असेम्बली में बम फेक अंग्रेजों को यह एहसास दिलाई थी  अब आज़ाद भारत के तिरंगे की जल्दी शुभ सवेरा आऐगी 
        इसिलिए तो छेड़ी आज़ादी थी मर के भी अमर हुऐ वो आज़ादी के सैनानी थे 
     सोचती रही दुआ करती रही
      कुछ हो ना जाऐ नेस

©wrïtêr ãbhïßhêk æñæñd वीर भगत सिंह
"आज़ादी का दिवाना एक 23 साल का लड़का था
 माँ भारती के राज- दुलारा था 
गुलामीं की जंजिरों  से देश आज़ाद की बिड़ा उसने उठाइ थी 
      असेम्बली में बम फेक अंग्रेजों को यह एहसास दिलाई थी  अब आज़ाद भारत के तिरंगे की जल्दी शुभ सवेरा आऐगी 
        इसिलिए तो छेड़ी आज़ादी थी मर के भी अमर हुऐ वो आज़ादी के सैनानी थे 
     सोचती रही दुआ करती रही
      कुछ हो ना जाऐ नेस

©wrïtêr ãbhïßhêk æñæñd वीर भगत सिंह

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