अपनी बस एक फरमाइश है। सजन से मिलने की ख्वाहिश है। बहुत जी लिए बिरह की आग में। इश्क तमसे किया है मिलेंगे जरुर इश्क की नहीं होती नुमाइश है। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी सजन से मिलने की ख्वाहिश है।