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मथुरा के बंदीगृह में ये चमत्कार हुआ था आज ही के दि

मथुरा के बंदीगृह में ये चमत्कार हुआ था
आज ही के दिन तो सृष्टि का आधार हुआ था

देवकी और वासुदेव तो नाहक ही चिंतित थे
समझे नहीं कि उनके जीवन में आज हर्ष आपार हुआ था 

सात सात नवजात शिशुओं का हत्यारा
आज आखिरकार काल का आहार हुआ था 

सहमा घबराया फिरता था वो भाग्य का मारा 
उस पापी कंस की शांति में तो अब हाहाकार हुआ था  

फिर भी सही मायनो में मुक्त हुआ था वो, मोक्ष मिला था उसे 
माधव, मुरारी के हाथों जो उसका उद्धार हुआ था 

जन्म भूमि और बाल्यास्थान दोनों ही कृतज्ञ हुए
दोनों को ही ईश्वर का प्रत्यक्ष साक्षात्कार हुआ था 

मथुरा से लेकर वृन्दावन की धरती हर्षायी थी
कि बाल गोपाल के आने का शुभ समाचार हुआ था 

नन्द बाबा और यशोदा मैया भी वारी वारी जाते थे
उन्हें ईश्वर के माता पिता बनने का अधिकार हुआ था 

सारे वृन्दावन वासी आकर्षित हो उठते थे
ऐसा माखनचोर का सबके प्रति व्यवहार हुआ था 

ईश्वरीय महिमा का गुणगान कुछ शब्दों में करना सर्वदा कठिन है
बस इतना ही, इस शुभ दिन के चलते जन्माष्टमी का त्यौहार हुआ था मथुरा के बंदीगृह में ये चमत्कार हुआ था
आज ही के दिन तो सृष्टि का आधार हुआ था

देवकी और वासुदेव तो नाहक ही चिंतित थे
समझे नहीं कि उनके जीवन में आज हर्ष आपार हुआ था 

सात सात नवजात शिशुओं का हत्यारा
आज आखिरकार काल का आहार हुआ था
मथुरा के बंदीगृह में ये चमत्कार हुआ था
आज ही के दिन तो सृष्टि का आधार हुआ था

देवकी और वासुदेव तो नाहक ही चिंतित थे
समझे नहीं कि उनके जीवन में आज हर्ष आपार हुआ था 

सात सात नवजात शिशुओं का हत्यारा
आज आखिरकार काल का आहार हुआ था 

सहमा घबराया फिरता था वो भाग्य का मारा 
उस पापी कंस की शांति में तो अब हाहाकार हुआ था  

फिर भी सही मायनो में मुक्त हुआ था वो, मोक्ष मिला था उसे 
माधव, मुरारी के हाथों जो उसका उद्धार हुआ था 

जन्म भूमि और बाल्यास्थान दोनों ही कृतज्ञ हुए
दोनों को ही ईश्वर का प्रत्यक्ष साक्षात्कार हुआ था 

मथुरा से लेकर वृन्दावन की धरती हर्षायी थी
कि बाल गोपाल के आने का शुभ समाचार हुआ था 

नन्द बाबा और यशोदा मैया भी वारी वारी जाते थे
उन्हें ईश्वर के माता पिता बनने का अधिकार हुआ था 

सारे वृन्दावन वासी आकर्षित हो उठते थे
ऐसा माखनचोर का सबके प्रति व्यवहार हुआ था 

ईश्वरीय महिमा का गुणगान कुछ शब्दों में करना सर्वदा कठिन है
बस इतना ही, इस शुभ दिन के चलते जन्माष्टमी का त्यौहार हुआ था मथुरा के बंदीगृह में ये चमत्कार हुआ था
आज ही के दिन तो सृष्टि का आधार हुआ था

देवकी और वासुदेव तो नाहक ही चिंतित थे
समझे नहीं कि उनके जीवन में आज हर्ष आपार हुआ था 

सात सात नवजात शिशुओं का हत्यारा
आज आखिरकार काल का आहार हुआ था