यह अंधेरा यह रात यह ढलती हुई शाम थी, मैं अकेली पर मेरी परछाई मेरे साथ थी, हाथ थामे वह मेरा गम बांट रही थी, मैं अकेले तो थी पर वह मुझे ऐसा एहसास नहीं दिला रही थी। मैं थोड़ी खुश थी कि मेरा हाथ थामे कोई तो था, अंधेरों से रोशनी में ले जाने को कोई साथ तो था। ©anjali sharma #thought #nojota2020 #Nojoto#poet #Sadnessd #Aloney #loneliness #Feelings#poetry #Poetry