ताउम्र गुजार दी स्वांग भरी दुनिया में जीते हुए, अब तो हकीकत के शौक़ से भी घबरा जाते है लोग। हाल-ए-दिल कुछ यूं हुआ है अब हर महफिल का, मुखौटों पर मुखौटे बस चढ़ाते ही रहते है लोग। नहीं मालूम आखिरी बार कब खुद की शक्ल देखी होगी, शान से स्वांग भरी दुनिया में खुद को गुम करते है लोग। जब कभी भी मुसीबत में टूट जाता है रचा स्वांग ये, समेटने की ताकत छूटने से टूट कर बिखरते है लोग। स्वांग की दुनिया से बदसूरत सही हकीकत मगर, जिंदगी की कद्र भी यही करते है और मरते है लोग। - kiran "स्वाँग" लफ्ज़ का अर्थ होता है "भेस/रूप बनाना" Acting !! #life #aamirshaikh #urdu #hindi #kiranquotes #philosphy