#OpenPoetry जिस्म में जब तक सांसे हिजरत करेंगी । दिल की धड़कनें तुमसे मोहब्बत करेंगी । बंद कमरों में तन्हाई जब शोर मचाएगी । तुम्हारी यादें आकर हिफाजत करेंगी । azeem khan # तुम्हारी यादें आकर हिफाजत करेंगी #