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हर लम्हे के साथ 'अनाम' ख्वाहिशें बुझ रही हैं, मु

हर लम्हे के साथ 'अनाम' ख्वाहिशें बुझ रही हैं, 

मुझे ज़ुर्म का पता नहीं बस सज़ा मुकर्रर हुई है।  #shamaurtanhai #133  #365days365quotes
हर लम्हे के साथ 'अनाम' ख्वाहिशें बुझ रही हैं, 

मुझे ज़ुर्म का पता नहीं बस सज़ा मुकर्रर हुई है।  #shamaurtanhai #133  #365days365quotes