गर माफ हो गुस्ताखी ज़रा सी मेरी मुझे एक गलती बस बेहिसाब करनी है तेरी आँखों से मुझे शराब पीनी है गर माफ हो गुस्ताखी ज़रा सी मेरी है चाँद एक मेरे दरीचे में भी मुझे चाँद से बस यही बात कहनी है गर माफ हो गुस्ताखी ज़रा सी मेरी खुदा बना कर तुझे अपना मुझे खुदा से अब बेवफाई करनी है गर माफ हो गुस्ताखी ज़रा सी मेरी Gar maaf ho gustakhi meri Mujhe ye galti behisab krni h #yourquotebaba #yourquote #hindipoetry #hindishayari #love #lovequotes #iaminlove