तुम्हारा दर्द लिख दु वो शायर तो नही हु तुम्हरी किस्मत मैं खुशिया भर दु वो एक मामूली आदमी हु तुम्हरी कहानी छाप दु अखबार में कोई पत्रकार नही तुम्हरी जिंदगी में अंगिनत कहानी भर दु वो एक मामूली आदमी हु हर बात तुमहारी आंखों से बहते आशु को पढ़ शकु कोई आशिक नही हु लेकिन तुम्हरी आँखों की हर आशु को मोती की तरह सझा दु वो एक मामूली आदमी हु इस रंग भरी दुनिया मे जो लोग सफेद(स्किन) रंग खरीदना पसन्द करते हैं में वो खरीदार तो नही लेकिन काला (स्किन) रंग के दुनिया मे उजाला ला दु वो एक मामूली आदमी हु। #मामूली आदमी # ©Pankaj yadav #Simpalman #zindagikerang