हर कुछ सही करके भी मेरा परिणाम गलत ही आया मैंने नाराज़ हो कर कड़े आवाज़ मे, ईश्वर से बोला - आखिर मेरी आपसे दुश्मनी ही क्या है.................? आवाज़ आई - भक्त अभी तेरा वक्त बुरा है... ऐसे में मेरा कोई शत्रु और मुझे भला किसी से दुश्मनी क्यों होगी। मै तो अपने भक्तों से सदा हर्षित रहता हूँ.............