हर रोज तुफानो से लड़ता कमजोर सा असहाय सा परेशान सा वो लड़का दौड़ता है अखबार के टुकड़े लिए कुछ जिने की उम्मीदें लिये कुछ घर की मिन्नतें लिये दोपहर मे सुरज से लड़ता बेबस मजलुम मजबूर सा वो लड़का हर गाडिय़ों के शीशो से बाते करता कुछ झिड़कियां कुछ गालियाँ सुन, तड़पता होठों को बेबसी मे भिंचता सा लड़का गरीबी मजबुरी से लड़ता सा लड़का कमजोर लाचार और परेशान सा लड़का राजीव.... #NojotoQuote #poetry Arun Raina खुशवंत