आज ही बनाए थे वे अपने लिए एक घर कल कहीं वो बेघर न हो जाए! तेरी झुठी मोहब्बत का शिकार मेरे शिवा कोई और न हो जाए!! कवि-बिसेन यादव'बिसु' ©Bisen kunar Yadav तू मेरे है #Rose