शब्द नहीं मिलते,भाव नहीं निखरते डूबती हूँ तुम्हारी यादों में जब भी उबरने के कहीं सहारे नहीं दिखते क़ैद हूँ जब से ख़यालों में तुम्हारे ख़ुद से मिलने के मौके नहीं मिलते कह दूँ या चुप रह जाऊँ ऐसे ही मन की उलझन के तार नहीं मिलते चाहती रही और चाहती ही रही मैं चाहने से आसमान के तारे नहीं मिलते नज़र का धोखा कहूँ या किस्मत कहूँ मैं हम सपनों में मिलते हक़ीकत में नहीं मिलते सोचता और तड़पता दिन-रात दिल मेरा प्रेम के प्यासों को किनारे नहीं मिलते सुलझते-सुलझते जैसे डोर टूट जाती मृगतृष्णा के हम पार नहीं मिलते #mनिर्झरा #yqdidi #yqhindi #feelings #bestyqhindiquotes #lovepoem #love #tumhari_yaad