प्रकृति की गोद में तुम पर "गीत" लिखूं मैं ! मन से "मीत" लिखूं मैं !! लचक -लचक जो झुमे डाली उस डाली का "फूल" लिखूं मैं ! तुम पर "गीत" लिखूं मैं !! हिचकोले खाती , बलखाती सी मस्ती में मस्त हो जाती सी बहती धारा का "नीर" लिखूं मैं ! तुम पर "गीत" लिखूं मैं !! कवि कपिल,मेरठ ©Kavi Kapil #कवि #कपिल #AdhureVakya