क्यों तोल रहे हो...तुम सभी क्यों दोनों की तुलना किए, तोल रहे हो ....तुम | क्यों हर लड़के और लड़कियों का, मोल ले रहे हो....तुम | नहीं ले सकता कोई , जगह एक-दूसरे की , क्यों यह बात नहीं , समझ रहे हो....तुम | माना लड़कियां रोती है , ना जाने उन्हें देखकर.....||२|| ओ....लड़के मजबूत बन रहे हो....तुम | मैंने कब कहाँ ? लड़कों को दर्द,दर्द नहीं होता, सब होते हैं, कुदरत के बनाए इंसान, ना जाने यह बात.... क्यों भूल रहे हो....तुम | यह जो कहते हो तुम सभी, लड़का होना आसान है क्या? मैं कहती हूँ..... सोचकर तो देखो.... हर घर को संभालती.., घर की इजजत बनाती हैं,लड़कियाँ सभी | उन घरो के लड़कों को समाज मे सर उठाकर ... चलने का अधिकार देती हैं वह होती हैं लड़कियाँ सभी | जिम्मेदारी सौंपी है इनपर कही, बोझ बतलाते नहीं कभी हा यह जो लड़के हैं.... खुद का बड़प्पन दिखलाते नहीं कभी | अब क्यों सोच मे पड़ गए....तुम, बहुत से कवियों ने लिख तो दी कविता, पर वह यह नहीं जाने आखिर यह हैं एक सिक्के के पहेलू दोनों की तुलना आसान नहीं होती | अब इतना कुछ समझा रही हूँ , समझ गए होंगे तुम कहीं | समझते हैं यह सब कही आखिर फिर क्यों तुलना करते है वही | मेरी क्या सभी की स्याही खत्म हो जाएगी कही इसलिए कहती है रीना यादव यही, क्यों तोलकर मोल घटा रहे हो....यूही | -रीना यादव (कवियित्री) #Love #reenayadav#tolmol#bestrong#Like#comment#share