दामन बचाते बचाते आग घरों तक आ पहोंची बेदार न हुए जो न अब तो सुला दिए जाओगे जल्दी वक़्त आ चुका है सब बांध लो क़फ़न ज़िल्लत की ज़िंदगी से तो है मौत कहीं अच्छी 14/12/19