मेरी माँ "प्रकृति" कृपया पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें.... ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" जिस भाँति एक माँ के तीन संतान होतें हैं, हर एक संतान को अपनी माँ में अलग-अलग ख़ूबियाँ नज़र आती हैं, परंतु वे सभी अपनी माँ से अत्यंत स्नेह करतें हैं, उन्हें अपनी माँ का हर एक अंदाज सबसे अनोखा लगता है। प्रकृति माँ तो "जग जननी"हैं, तो उनके हर एक संतान को उनमें अलग-अलग अनन्य गुण दिखाई देतें हैं। ठीक उसी भाँति मुझें मेरी माँ "प्रकृति माँ" की कुछ ख़ूबियाँ नज़र आई जिन्हें मैंनें पंक्तिबद्ध किया है। तो आइये इन पर एक नज़र डालतें हैं... 🌳🥀⛰🌻🌲🌏🌋🏞🌅🌌🏖🏝 मेरी माँ "प्रकृति" ~°•°~°•°~°•°~