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वो ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश

वो  ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश थे कि    उसने जो काम हाथ में लिया था, उसमें  सफलता मिली। लेकिन अचानक नीचे घाटियों में खड़े लोगों ने उसके  सफ़लता को देख बोहोत जल गए और उन्होंने उनके सीने में नहीं, बल्कि  उनके चुप्पी पर गोली मार दी   ताकि वह आगे कुछ बोल ही न पाए किसी का चुप्पी का फायदा उठाकर तुम उन को दुसरो  के आगे मुख साबित कर सकते हो लेकिन किसी के बोले गए शब्दों को गोली नही मार सकते जीतना गोली मारोगे उतना ही ज्यादा शब्द आग की तरह फैलता चला जायेगा  क्यूंकि शब्दों से जायदा
मौन  शोर मचाते हैं

©#Nikita kour
  #nikita kour वो  ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश थे कि    उसने जो काम हाथ में लिया था, उसमें  सफलता मिली। लेकिन अचानक नीचे घाटियों में खड़े लोगों ने उसके  सफ़लता को देख बोहोत जल गए और उन्होंने उनके सीने में नहीं, बल्कि  उनके चुप्पी पर गोली मार दी   ताकि वह आगे कुछ बोल ही न पाए किसी का चुप्पी का फायदा उठाकर तुम उन को दुसरो  के आगे मुख साबित कर सकते हो लेकिन किसी के बोले गए शब्दों को गोली नही मार सकते जीतना गोली मारोगे उतना ही ज्यादा शब्द आग की तरह फैलता चला जायेगा  क्यूंकि शब्दों स
nikitakour5845

#Nikita kour

New Creator

#nikita kour वो ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश थे कि उसने जो काम हाथ में लिया था, उसमें सफलता मिली। लेकिन अचानक नीचे घाटियों में खड़े लोगों ने उसके सफ़लता को देख बोहोत जल गए और उन्होंने उनके सीने में नहीं, बल्कि उनके चुप्पी पर गोली मार दी ताकि वह आगे कुछ बोल ही न पाए किसी का चुप्पी का फायदा उठाकर तुम उन को दुसरो के आगे मुख साबित कर सकते हो लेकिन किसी के बोले गए शब्दों को गोली नही मार सकते जीतना गोली मारोगे उतना ही ज्यादा शब्द आग की तरह फैलता चला जायेगा क्यूंकि शब्दों स #Motivational

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