स्त्री और भी बहोत कुछ है, केवल बिस्तर और रसोई स्त्री की परिभाषा नहीं... (अनुशीर्षक में पढ़ें) -सरस @Saraslekh स्त्री और भी बहोत कुछ है, केवल बिस्तर और रसोई स्त्री की परिभाषा नहीं, न मोहताज है स्त्री किसी परिचय की, तुमने तो अभी तक उसे देखा भी नही है, जो आंखों से उतारोगे हवस की काली पट्टी, तो देख पाओगे उस अद्रश्य ब्रह्मांड को, जो वो अपने आँचल में समेटे हुए है। जो देखोगे मन की आंखों से तो दिखेगा तुम्हे निश्छल प्रेम,