मुझे खुद नहीं मालूम, कि आखिर ये हुआ क्या है ? लोग हैं कि, मुझी से आकर पूछते हैं, हुआ क्या है ? हर शख़्स चला जाता है, मुझ पर इल्ज़ाम लगाकर., किस - किससे पूछूं आखिर, कि मेरी खता क्या है ? मर्ज हो अगर किसी को , तो फिर इस कदर हो की., मुआलिज खुद पूछे , बता तेरे दर्द की दवा क्या है ? क्यों घेर लेती है ये मुसीबतें , बार-बार मुझे आकर., कोई मुझे बताये कि , मेरे नसीब में लिखा क्या है ? बस चंद लफ़्ज़ों में, असल मतलब समझा गया वो., मैंने किसी फ़कीर से पूछा लिया था , खुदा क्या है ? असलियत मालूम है मुझको , इन अच्छे लोगों की., मियां, अगर मैं बुरा हूं, तो फिर इसमें बुरा क्या है ? फ़िज़ूल है 'बिट्टू', जमाने भर से गिले-शिकवे रखना., छोड़ो अब, आखिर इन सब बातों में, रखा क्या है ? - βαℓяαм #क्या_है