पढ़ले मेरे दिल को मेरे चेहरे से ; मुकम्मल तरीके से बेनकाब हुं मैं । तू आंखे मूंदकर महसूस कर मुझे; एक नाजुक मिजाज ख्वाब हूं मैं । सोच सोच के तू परेशा क्यूं है ; सीधी साधी खुली किताब हूं मैं । मुझे न समझ तेरे रास्ते का पत्थर ; हर तख्तों ताज से दूर हूं मैं ।। #yqdidiquotes #yqtai #restlessin1line #dilkibaat #paidstoryshayari