आरज़ू है दिल की मिले एक सूना जहाँ बस हम रहे और हमारी किताबें वहाँ ख्वाब मखमली देखे ऐसा मकान हो वहाँ पेडों के बीच गुमनाम हो मेरा छोटासा जहाँ साकिन रहु मैं अपने पन्नो संग वहाँ लम्हें चुरायें ना मेरे कोई ऐसा है क्या जहाँ मुअत्तर बनी रहें मेरे नग्मों की सदा वहाँ दीदार ना हो किसीको मेरा खुदा दे दो ऐक जहाँ कवी/ कवियत्री की कल्पना पूरी हो वहाँ वादियाँ साथ हो तारों से भरा मिल जाए जहाँ ©VAniya writer * #bookslove #books isha rajput Limner(pikachu jugnu) Ankit mishra Mr Shubh Sharma Ankur Singh Advocate Rakhee ki kalam se #BooksBestFriends