रामवृक्ष जी:- लेखक रामवृक्ष जी ने क्या खूब लिखा है-- मंदिर का गुम्बद सब बनना चाहते हैं,,🤠🤠🤠 ।।।। लेकिन नीव की ईट कोई बनना नहीं चाहता। लेकिन साहब मंदिर का बोझ तो नीव की ईट ही तो संभालती है🥵🥵🥵 🧐🧐🧐 ©Vishal Dabriya नींव कि ईंट............ #Hindidiwas