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तोर मनवा एतना बेचैन काहे लागो हे सखी,

तोर मनवा एतना बेचैन काहे लागो हे सखी,                                              ई तोरी दुनो नयना बतावत है कि तु रतिया-दिनवा जागो हे सखी।                                                           ई नफ़रत के गठरिया दिलवा में रखले से तोरा का मिलो है सखी।                                                                  ई देख  प्राकृतिक के आंगनवा में कैसे झुमत है  चिड़ई-चुरूगं, पेड़-पौधा आ जानवर संग इंसानवा रे सखी।                                                                       एही आंगनवा के नदियन में बहत है प्रेम के धारवा रे सखी।                                                                      सब दुखवा दूर हो जाई तोरो,चल डुबकी लगाईले हेल के बीच मजऽधारवा रे सखी।                          -------------krishna kumar(किशन)----------

©KRISHNA KUMAR #Rose  Roshan Riya Soni Jyoti Agarwal jitendra Yaduwanshi KIRANCHAUDHARY
तोर मनवा एतना बेचैन काहे लागो हे सखी,                                              ई तोरी दुनो नयना बतावत है कि तु रतिया-दिनवा जागो हे सखी।                                                           ई नफ़रत के गठरिया दिलवा में रखले से तोरा का मिलो है सखी।                                                                  ई देख  प्राकृतिक के आंगनवा में कैसे झुमत है  चिड़ई-चुरूगं, पेड़-पौधा आ जानवर संग इंसानवा रे सखी।                                                                       एही आंगनवा के नदियन में बहत है प्रेम के धारवा रे सखी।                                                                      सब दुखवा दूर हो जाई तोरो,चल डुबकी लगाईले हेल के बीच मजऽधारवा रे सखी।                          -------------krishna kumar(किशन)----------

©KRISHNA KUMAR #Rose  Roshan Riya Soni Jyoti Agarwal jitendra Yaduwanshi KIRANCHAUDHARY