उलझनों से घिरे रहते न थे । परेशानियों में खुद को डुबोते न थे ।। मित्रों से खीझ न जाते थे । नज़रे मित्रों से न चुराते थे ।। वक़्त बेवजह जाया न करते थे । बेमतलब यहां-वहां जाया न करते थे ।। किताबों पर धूल न जमाते थे । कलमों का पता ना पाते थे ।। अंक कम प्राप्त न करते थे । परीक्षाओं न सिर्फ पास करते थे ।। दिखावे से अनजान न बनते थे । वास्तविकता को समझते थे ।। शिकायत मत समझिए इसे हमारी। #आपऐसेनथे #कुंदन कुमार (उत्कर्ष) #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi