लड़कियों को इंसाफ मिलना अासां नही इंसाफ के बदलें बहूत कुछ चुकाना पड़ता हैं अपने परायें बन अपराधि होने का एहसास कराते हैं किसमत का खेल बता कर हर जुर्म-अत्याचार को सर झुका के सेहने की तालिम देते हैं मायके से डोली उठी ससूराल से ही अर्थी उठें बरी आसानी सिख ये देते हैं अब तुम परायी हो यें कह के सिने पर खंझर से बार करते हैं वो कहते हैं आत्मसम्मान की बात ना करना हर गाली-तंज और उठते हुयें हाथों को उफ किये बिना ही सहना बड़े प्यार से कह देतें है बेटा ये विधी का विधान है ये तेरा भाग्य है जलना-कटना ,खून के आसूँ पीना पर माँ-बाप के सिर को ऊँच्चा रखन बेटा कोट-कहचरी मे बात ना जाने देना पुरखों की इज्जत को बनायें रखना खूद के सम्मान-आत्मरक्षा करने से खूद पर हो रहे अत्याचारों को बहिसकृत करने से क्यूँ ? पिता कि पगड़ी गिर जाती है — % & #dard_ek_kahani #insaaf_ek_jaisa_nhi #_kyu_ #kavita_ki_pahal #kavita_ki_quote #pic_resource_google