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रातों को मैं रोता हूं, सारा दिन आसु छुपाके रहता हू

रातों को मैं रोता हूं,
सारा दिन आसु छुपाके रहता हूं।
दूर हुए मेरे अपने,
बस अब दर्द ही दर्द में रहता हूं।

©Dr. Sarvesh Kumar
  #दर्द_ही_दर्द_में_रहता_हूं