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जब जब पाप इस धरा पर अपना पंख फैलाएगा। तब तब ईश्वर

जब जब पाप इस धरा पर अपना पंख फैलाएगा।
तब तब ईश्वर की कृपा से कोई न कोई आएगा।
फिर भयंकर तांडव होगा महादेव का डमरू बाजेगा।
ये काली रात भी बीतेगी फिर नया सवेरा आएगा। यह प्रतियोगिता संख्या - 22 है
साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत  🙏🏻 है।
 
चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।

#collabchallenge
जब जब पाप इस धरा पर अपना पंख फैलाएगा।
तब तब ईश्वर की कृपा से कोई न कोई आएगा।
फिर भयंकर तांडव होगा महादेव का डमरू बाजेगा।
ये काली रात भी बीतेगी फिर नया सवेरा आएगा। यह प्रतियोगिता संख्या - 22 है
साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत  🙏🏻 है।
 
चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।

#collabchallenge