ख़ामोशी से लिखो (अनुशीर्षक में पढ़ें) ख़ामोशी से लिखो ख़ामोशी से लिखो, जो भी दिल तुम्हारा कहता है अपने भीतर के जज़्बातों को, वो कहाँ छुपा सकता है धड़कता है वो जिसके लिए,