तेरी दोस्ती से अच्छी कोई शै कहां जहां में। है रोशनी इसी की कहीं दूर कहकशां में।। ये गर्दिशे ज़माना मुझे क्या मिटा सकेगा। मोहसिन कोई हमारा रहता है आसमां में।। महफ़िल से दिल हमारा कहकर ये लौट आया तिरा ज़िक्र क्यूं नहीं है सुख़नवर के हर बयां में।। तेरी मिसाल क्या दूं इस बज़्मे-ज़िंदगी में! जैसे कि गुल हो कोई इस मौसमें-ख़िज़ां में।। तख़लीक़ के उफ़क पर होते न रंग ऐसे गर दोस्ती न होती तख़लीक़ की ज़ुबां में।। इस हिज्र के सफ़र में हैं ख़ुशनिज़ाम यादें। ख़ुश है अलीम ताहम इस दर्द-ए-जांविदां में।। #yqaliem #dosti #friendshipday #dard_e_javidaan # #yqbhaijan