क्या हुआ जो हुए विफल तुम, कोई काम को करने में, हर्ज नहीं है सच कहता हूं, सबके सामने गिरने में, पर फिर क्या ताकत रखते हो, फिरसे खड़े हो जाने की, युद्ध में पीछे नहीं सीधा, छाती पे गोली खाने की, चल पाओगे एक पांव पे, जब दूजे में दर्द उठे, साध पाओगे लक्ष्य कि जब भी, फिरसे रण में गर्द उठे, उठा पाओगे बाण कि जब, फिर एक भुजा यूं साथ ना दे, भेद पाओगे आंख कि, जब दूजा तुमको कोई हाथ ना दे, ऐसे ही रण में साथी, गर तुमको जीवित रहना है, तुम्हें उदाहरण बनना है, और काल से जाके कहना है, कि जब तक ये तलवार की धारें, काट के रख सकती मुश्किल, ये धड़ को देह से काट फेंक दो, फिर भी गिरना होगा मुश्किल, ऐसे ही तूफान में हमको, किसी के आगे झुकना नहीं है, चलते चलो कि पास है मंजिल, यार अभी यूं रुकना नहीं है...!! ©Shivam Nahar #AdhureVakya #ruknanahihai #Motivation