"तेरी मौसम, जैसी वो बेईमानी जिस पर चांद भी गा गया। "मैंने पूछा ,खुशी से क्या चाहिए तुम्हें उन्होंने कहा मुझे तो चांद ही भा गया।। ©Abhishek tripathi#chgr@c #chgr#@:c