#RIPPriyankaReddy लो आज रात फिर नहीं लौटी एक बेटी अपने घर, रात के सन्नाटे में थी अकेले वह और उसका डर, डर था उसका लाज़मी क्युँकि सामने उसके था खड़ा एक हैवान नहीं कोई आदमी | हाँ थी मदद की उसको दरकार पर इंसानियत की आड़ में हैवान खड़ा था इस बार, वह अकेली पर वे थे चार, वहशियत ने कर दी थी हर सीमा पार, आखिर हो गई वह उन भेड़ियों का शिकार, केवल जिस्म का ही नहीं, किया उन्होंने रूँह का भी बलत्कार लुट रही थी अस्मिता, बचाने को न भाई, था न पिता भूख इतनी थी बड़ी कि जिंदा ही जला दी उसकी चिता, आखिर कब तक चलती रहेगी यह कलंक कथा? ##RIPPriyankaReddy #आखिर #कब #तक #चलती #रहेगी #यह #कलंक #कथा?