कि तेरे ख़्यालों से मुझे रिहाई मिले, तो किस तरह मिले.. मेरे अल्फ़ाज़ो को कोई रुबाई मिले, तो किस तरह मिले, गहरे तालुक्कात रहें हैं बरसों तलक, कुछ ज़ख्मों से मेरे.. दर्द ए दिल की अब कोई दवाई मिले, तो किस तरह मिले !¡ किस तरह मिले.. #अनकहेअल्फ़ाज़ #yqdidi #yqhindi #yqhindiquotes #yqhindipoetry #yqhindiwriters #midnightthoughts #midnightpoems