"जन्म- मरण समान है । फिर भी कहा , अपनी जात बताओ न....। इंसानियत पहला धर्म है फिर भी कहा कोई एक धर्म अपनाओ न....।। घाटा मुनाफा बहुत हुआ इस कुल के भेदभाव में फिर भी कहा अपने कुल का अलग नियम बनाओ न..। जाते-जाते कह गए संविधान बनाने वाले पिछड़े वर्ग को भी आगे बढ़ाओ न ....।। चलो इस शिक्षा की कड़ी को समझकर एक बात मानो इन आदिवासियों को भी सम्मान का हक दिलाओ न ...। इन्हें भी अपने समाज में बेहतर दर्जा दिलाओ न...।।" ©नन्हीं कवयित्री sangu... आदिवासी दिवस समारोह।